Saturday, July 25, 2020

'अगले जन्म में चाहें जानवर बन जाएं पर औरत नहीं बनना चाहतें'- फूलन देवी

फूलन देवी
औरत की निष्ठुरता देखकर लोग अक्सर शंकित हो उठते हैं, क्योंकि सदियों से जैसा प्रचार किया जा रहा है औरत से वही अपेक्षा की जाती है। पुरुषों की निष्ठुरता भले ही सह ली जाए, लेकिन औरत की निष्ठुरता बर्दाश्त के बाहर होती है। पर कहते हैं ना कि सदियों में 1-2 बार आती हैं #फूलन_देवी जैसी औरतें। जो लड़ना-भिड़ना जानती हैं खुद के लिए। फूलन के दो रूप हैं- एक वो जिसमें वो निष्ठुर हैं, निर्मम हैं और एक वो जिसमें वो अपने पसंदीदा हीरो का नाम आने पर भी शर्मा जाती हैं। फूलन इंटरव्यू देती हुई काफी हिचकती हुई नज़र आती हैं। कम बोलती हैं, शायद शब्दों को समेट नहीं पाती हैं। या शायद बनावट नहीं है। हर इंटरव्यू में अगर आप उनके चेहरे पर देखेंगे तो वही बचपन, वही बच्ची नज़र आएगी जिसे आधे में ही छोड़ दिया था। ये एक इंटरव्यू के कुछ अंश हैं जिसमें फूलन की सारी ज़िन्दगी दिख जाती है- 

आपकी ताकत?
-दुर्गा की हम पूजा करते हैं, दुर्गा हमें ताकत देती है। 

आपकी प्रेरणा?
-बस सच्चाई हमारी प्रेरणा है।

जीवन में आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि?
-हमने इतना शोषण सहा और उसका फिर हमने डटकर सामना किया। हमारे लिए यही सबसे बड़ी उपलब्धि है।

ज़िन्दगी का एक अफसोस?
-हमने एक गरीब परिवार में औरत बनकर क्यों जन्म लिया।

आप अगले जन्म में क्या बनना चाहेंगी?
-हम अगले जन्म में भले ही जानवर बन जाएं पर इस तरह की ज़िन्दगी और मतलब औरत नहीं बनना चाहेंगे।

अगर आप अपनी ज़िन्दगी की एक चीज़ बदलना चाहें तो क्या बदलेंगी?
-मैं अपने आपको बदलना चाहूंगी,अपनी ज़िन्दगी को बदलना चाहूंगी। मैं फिर से एक छोटी-सी बच्ची बनना चाहती हूँ फिर से एकबार बचपन जीना चाहती हूँ। ये फूलन देवी नहीं बनना चाहती।

आपने बदला लेने की कब सोची?
-जब गांव वालों और घरवाले ने कहा कि तुम मर चुकी हो, तुम्हारी ज़िन्दगी खत्म हो चुकी है तब हमने सोचा कि जब इतना अत्याचार सह लिए हैं तो अब क्यों मरें? क्यों ना उन्हें बताएं कि जवाब देना क्या होता है। क्यों मर जाएं हम? किस लिए मर जाएं?

सचमुच, औरतें जो अपने रास्ते में रुकावट बने हर इंसान को उखाड़ फेंकती हैं। जो सहने से ज्यादा जंग करना जानती हैं। कोई कंधे पर अंजान हाथ रख दे, तो झटक कर अपने को छुड़ा लेना जानती हैं। अपने साथ कुछ गलत होने पर जो लज्जावती, करुणामयी, स्नेहमयी जैसी विशेषणों को चुनौती दे बन जाती हैं निष्ठुर, भयंकर और निर्मम। और अंत तक लड़ती रहती हैं अपने लिए और अपनी जैसी कइयों के लिए जबरदस्त ताकत के साथ...... ऐसी औरतें ज़िंदा रहती हैं.....हमेशा। 

(Wildfilmsindia एक यूट्यूब चैनल है जिसने शायद फूलन देवी के सबसे ज्यादा इंटरव्यू किये हैं। देखना चाहें तो देख सकते हैं। )

#PhoolanDevi #banditqueen

Friday, July 3, 2020

Book Review: 'She Said' by Jodi Kantor and Megan Twohey

Book Cover
मुझसे अक्सर लोग पूछ बैठते हैं कि आखिर #metoo क्यों? #MeToo कैंपेन बस महिलाओं की आपबीती के बारे में नहीं है और ना कभी था ये उनकी शक्ति के बारे में है। आपको दिखाने के लिए कि महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न केवल कपोलकल्पना नहीं है। सेक्शुअल हरर्समेंट की कोई ट्रेनिंग नहीं होती है। एक दुनिया है जो मौजूद है हमारे और आपके आसपास जिसे हम देखना नहीं चाहते या देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। ये किताब है 'She Said' दिखाने के लिए कि किस तरह का समाज बनाया है आपने औरतों के लिए। 
पूरे #metoo आंदोलन को उठा लिया जाए तो ये एक मिक्स्ड रिकॉर्ड रहा है। दुनियाभर की औरतों ने अपने साथ हुए और हो रहे सेक्शुअल हरर्समेंट पर खुलकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है। हार्वे वाइंस्टीन वाली स्टोरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्टिंग का शानदार नमूना है। ये स्टोरी 'न्यू यॉर्क टाइम्स' की जर्नलिस्ट जोड़ी कैंटर और मेगन तुहे ने ब्रेक की थी। ना जाने कितने महीनों की मेहनत के बाद। 'She Said' में इस पूरी स्टोरी का जिक्र किया गया है। किताब में डोनाल्ड ट्रम्प का Pussygate वाला मामला और सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ब्रेट कवनौघ का metoo वाला मामला भी है लेकिन बेहद कम पोर्शन में। मेन फोकस वाइंस्टीन वाली स्टोरी ही है।
Harvey Weinstein
किताब की शुरुआत एक्ट्रेस रोज़ मैकगोवन से होती है जिन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि 'एक हॉलीवुड निर्देशक ने उनका रेप किया है' लेकिन जोड़ी के पूछने पर वह नाम लेने से इनकार कर देती हैं। जोड़ी और मेगन दोनों महीनों तक वाइंस्टीन के खिलाफ सबूत इक्कट्ठा करती हैं। 
उन महिलाओं तक पहुंचती हैं जिनका हार्वे ने सेक्शुअल हरर्समेंट किया था। फोन के माध्यम से, ईमेल से, उनके घरों तक जाती हैं, लेकिन डराने-धमकाने और वित्तीय बर्बादी के खतरे के चलते कितनी सारी विक्टिम्स रिकॉर्ड दर्ज करवाने से मना कर देती हैं। कई तो ऐसी थी जिन्होंने एकदम आखिर में अपना नाम दर्ज करवाया। शुरुआत में एशले जुड ही रिकॉर्ड पर गयी थी। ग्विनिथ पाल्ट्रो के वाइंस्टीन से क्लोज़ रिलेशन्स के चलते वह लास्ट तक बैकग्राउंड में ही सही पर स्टोरी में मदद कर रही थी। इसका कारण था कि वह नहीं चाहती थी कि उसकी पब्लिक इमेज पर कोई फर्क पड़े।  
Jodi Kantor and Megan Twohey
कहा जाता है की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए ना जाने कितनी तरह की सीढ़ियों से गुज़रना पड़ता है। किताब के आधार पर बात करूँ तो मॉडर्न हॉलीवुड में अधिकतर अभिनेत्रियों को किसी ना किसी सीढ़ी पर समझौता करना पड़ा है। जिन महिलाओं का वाइंस्टीन ने हरर्समेंट किया था उनमें से कितनी सारी महिलाओं ने समझौता करना ठीक समझा, कितनी बस गुमनाम हो गयी, कितनी पुरानी बातें भूलकर अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ गयी, शहर बदल लिया, घर छोड़ दिया।
जब स्टोरी प्रकाशन के लिए तैयार हो जाती है तब एन्ड मोमेंट पर पता लगता है कि वाइंस्टीन प्रकाशन को रोकने के लिए एक सिक्युरिटी फर्म, ब्लैक क्यूब का उपयोग कर रहा होता है। इस तरह की प्लानिंग कि ब्लैक क्यूब के दो एजेंट, झूठी पहचान का उपयोग करते हुए मैकगोवन से मिलते हैं और पत्रकारों से मिलने और जासूसी करने के लिए वाइंस्टीन को पीड़ित के रूप में पेश करते हैं। स्टोरी रुक जाती है। पर वो कहते हैं ना कि 'दा क्रिमिनल कैन रन, बट ही कांट हाईड' तो स्टोरी एट दी एन्ड पब्लिश हो जाती है।
Rebacca Corbett
हां किताब की सबसे अमेजिंग कैरेक्टर मुझे Rebacca Corbett लगी। इनके बारे में नहीं जानती थी। इसी किताब में उनके बारे में पढ़ा। पहली जर्नलिस्ट हैं जिन्होंने काफी आइडियल टाइप फील दी है। fan हो गयी हूँ उनकी। 'Person I want to meet' वाली लिस्ट में ये दूसरा नाम ऐड कर दिया है मैंने। कर लीजिये आप भी गूगल।

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