Thursday, October 1, 2020

Be lethal, be brutal, go for kill...


बलात्कार की खबरें दबा दी जाती हैं। गुप्त रख दी जाती हैं कभी सरकार के द्वारा, कभी समाज के द्वारा, कभी घरवालों के द्वारा और कभी खुद लड़की के द्वारा। सत्तर प्रतिशत मामलें दर्ज ही नहीं होते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2019 की रिपोर्ट मंगलवार को रिलीज़ हुई है बता रहे हैं कि महिलाओं के प्रति आपराधिक मामले 7.3 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

तो लड़कियों अब क्या? अब तुम्हारे पास दो रास्ते हैं:

पहला,

आसपास हो रहे कुकृत्यों को देखकर परेशान होते रहिए, खुद को और सिस्टम को कोसते रहिए, हर दिन अपने आसपास हो रही घटनाओं को देखकर ये सोचते रहिए कि 'हमारे साथ ही क्यों'।

या फिर मान लीजिये कि,

पुरुषतांत्रिक समाज में औरत ही शिकार हैं। 'आप' शिकार हैं। आपको हर दिन, हर पल चौकन्ने रहना है। किसी पर भी अंधभरोसा करना छोड़ दीजिए। किसी पर भी नहीं। शक की निगाहों को हमेशा खुला रखिये। संगठित रहिए। एक- दूसरे के प्रति सहयोग में हाथ मिलाती रहिए। आपको क्या लगता है आसमान से गिरा यह पुरुषतंत्र लोहे का बना हुआ है? नहीं बल्कि इंसान के द्वारा बनाया गया है.....जी हां आप और मैं इसे टिकाए रखने के लिए जी-जान से लगे पड़े हैं…अनजाने में ही सही पर लगे हुए हैं..... आपके संगठन से ही पुरुषतंत्र में गहरी दरारें पड़ सकती हैं।  "BE LETHAL, BE BRUTAL, GO FOR KILL" को चरितार्थ करते हुए कर दीजिए इस बने बनाये सिस्टम को चूर-चूर और बना दीजिये इस दुनियां को रहने लायक क्योंकि दोस्त पराधीनता आपका आश्रय नहीं है। 

तस्लीमा नसरीन अपनी किताब 'औरत का कोई देश नहीं' में लिखती हैं, "असल में बदमाशी उजाले या अंधेरे पर निर्भर नहीं करती। यह मानसिकता पर निर्भर करती है और मानसिकता सुशिक्षा पर निर्भर करती है। सुशिक्षा निर्भर करती है, शिक्षा-व्यवस्था पर! शिक्षा व्यवस्था निर्भर करती है, राजनीति पर! समता के विश्वासी नारी-पुरुष, जब तक वैषम्य को जड़ से नहीं उखाड़ फेंकतें, जब तक व्यवस्थाओं में आमूल परिवर्तन नहीं होता, तब तक नारी को चूहों की तरह बस जीते रहना होगा। विपत्ति देखते ही बिल में छिप जाना होगा। लेकिन चूहों के बिल में ही क्या चूहे की सुरक्षा कायम रहती है? जैसे निरीह चूहे की सुरक्षा नहीं होती, वैसे ही नारी की भी सुरक्षा नहीं होती।"

और लड़कों तुम्हारे लिए इतना ही कि यार....

समाज में रह रही औरतें कहीं भी अधूरी नहीं हैं, सम्पूर्ण इंसान हैं और इंसान के तौर पर उसके प्रति जितनी श्रद्धा अर्पित करनी चाहिए, वह सब उनका प्राप्य है! बहुत बेसिक चीज़ है। आप एहसान नहीं कर रहे हैं। बस इतना याद रखिये कि ये दुनिया जो बनी है इतनी सुंदर ये हमने ही बनाई है, हम सबके लिए। आपकी माँ, आपकी बहन, आपकी प्रेमिका, आपकी बीवी, आपकी दोस्त, आपकी बेटी ने आपको हमेशा अपना दिल निचोड़कर प्यार दिया है। 

हमें शर्मिंदा मत कीजिये!!!🙏🏻

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