BOOK NAME: WHAT WE TALK ABOUT WHEN WE TALK ABOUT RAPE.
WRITER: SOHAILA ABDULALI
PUBLICATION: PENGUIN.
हर किताब को पढ़ने के बाद मेरी या किसी की भी धारणा बन जाती है। उस लेखक के प्रति, उस किताब के प्रति। हम उसके कंटेंट के बारे में सोचने लगते हैं, उसके बारे में लिखने का सोचते हैं, लोगों को बताने का सोचते हैं उसके बारे में और जानने की कोशिश करना चाहते हैं। इस किताब को पढ़ने के बाद मैं कुछ सोच नहीं पा रही हूँ। लिखने का मन नहीं है मैं अपना ज्ञान नहीं देना चाहती। मैने जो पढ़ लिया बस पढ़ लिया, जो समझ लिया बस समझ लिया। पिछली बार मंटो को पढ़ने के लगभग 1 हफ्ते तक मैं काफी परेशान रही थी उसके बाद से ही सोशल issues पर चोट करने वाली किताबों को पढ़ने से बचने लगी हूँ। 1 साल पहले इस किताब के बारे में सुना था....न जाने कुछ दिन पहले इस किताब का ख्याल कैसे मन में आया।
किताबें खत्म हो जाती हैं लेकिन अपना कभी न छूटने वाला असर छोड़ जाती हैं। बस ये वही किताब है।
'रेप' के बारे में कुछ लिखना नहीं चाहती न ही इस किताब के बारे में। लेकिन इसे पढ़ा जाना चाहिए। हर उम्र के व्यक्ति को इस किताब को पढ़ना चाहिए।
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